अमीनुल-क़ादरी को चैलेंज

मौलाना इस्माईल अमजदी ने अमीनुल-क़ादरी को चैलेंज कर दिया!

अमीनुल-क़ादरी बाहर चाहे जो कहे लेकिन अपने शहर में वहाबियों से मिला हुआ है, उन से दोस्ती रखता है और उन के साथ मिलकर प्रोग्राम भी करता है। इस की एक मिसाल कुछ अरसा पहले का वह प्रोग्राम है जो अमीनुल-क़ादरी ने मालेगांव में हेलाल पूरा में वहाबी इदारा हेलाल फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर किया। उस प्रोग्राम का बैनर नीचे देख सकते हैं जिसमें हेलाल फ़ाउंडेशन का नाम मौजूद है।
अमीनुल-क़ादरी की इस हरकत का रद करने के लिए शहर मालेगांव की 10 से ज़ियादा सुन्नी तन्ज़ीमों की दावत पर मौलाना इस्माईल अमजदी (सूरत) मालेगांव तशरीफ़ ले गए और वहां की सबसे बड़ी सुन्नी जामा मस्जिद क़ादरिया में ख़िताब करते हुए अमीनुल-क़ादरी से सवाल किया कि:
तुम्हारे बैनर में हेलाल फ़ाउंडेशन का नाम क्यों है?
दूसरा सवाल यह किया कि अमीनुल-क़ादरी गुजरात के एक पक्के मिनहाजी (गुमराह) की क़ब्र पर फ़ातेहा पढ़ने क्यों जाता है?
मौलाना इस्माईल अमजदी साहब की मुकम्मल तक़रीर अच्छे इस्टेरीव हेडफ़ोन से सुनिए:

Achchhe Stereo Headphone Me Suniye.

 

देखिए अमीनुल-क़ादरी के बैनर में वहाबी इदारे का नाम

इस बैनर में दो/2 जगह वहाबी इदारा हेलाल फ़ाउंडेशन का नाम लिखा हुआ है और ऊपर पहली लाईन में सबसे पहली तस्वीर भी एक वहाबी की है जबकि और भी कुछ वहाबियों की तस्वीरें इस बैनर में मौजूद हैं।

मालेगांव में हेलाल फ़ाउंडेशन, महेल्ला हेलाल पूरा में वहाबियों की एक मस्जिद से जुड़ा हुआ है जिसका नाम हेलाल मस्जिद है। उस मस्जिद का फ़ोटो देखिए:


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अमीनुल-क़ादरी के दोस्त वहाबी देवबंदी हैं सबूत देखने के लिए क्लिक कीजीए:

अमीनुल-क़ादरी असली सय्यद नहीं है बल्कि नसब बदल कर सय्यद हुआ है। तफ़सील देखने के लिए क्लिक करें:

सुन्नी दवाते इस्लामी के ताल्लुक़ से अकाबिर उलमा ए अहलेसुन्नत का हुक्म जानने के लिए क्लिक कीजीए:


امین القادری گجرات کے ایک گمراہ منہاجی   پر دل و جان سے فدا ہے، اس کی قبر پر فاتحہ پڑھنے بھی جاتا ہے۔ بٹن دبا کر تفصیل دیکھیے:

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